JAKHU TEMPLE SHIMLA

जाखू मंदिर शिमला।  JAKHU TEMPLE SHIMLA IN HINDI 


जाखू मंदिर शिमला।  JAKHU TEMPLE SHIMLA IN HINDI
JAKHU TEMPLE SHIMLA 

जाखू मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में जाखू पर्वत  स्थित है ये मंदिर शिमला के कई धामिर्क स्थलों में से एक बहुत प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर है यहाँ से शिमला का मनोरम दृश्य दिखाई देता हैं जाखू आने वाले सभी पर्यटकों को यहाँ से सूर्योदय या सूर्यास्त को जरुर देखना चहिये क्यूंकि इस पर्वत से सूर्योदय और सूर्यास्त का बहुत अच्छा दृश्य देखने को मिलता है। 

जाखू मंदिर में भगवान हनुमान की एक बहुत बड़ी मूर्ति है जिसे आप शिमला के अधिकतर हिस्से से देख सकते हो ये मूर्ति देश की सबसे बड़ी मूर्तियों में से एक है इस मूर्ति की ऊंचाई का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हो की वहाँ खड़े देवदार के विशाल पेड़ भी छोटे लगते हैं भगवान हनुमान की मूर्ति के सामने। जाखू मंदिर मैं भगवान हनुमान की मूर्ति की ऊँचाई 108 फीट है।  जाखू मंदिर रिज से लगभग 2 किलोमीटर की दुरी पर है 



जाखू मंदिर का पौराणिक इतिहास। MYTHOLOGICAL HISTORY OF  JAKHU TEMPLE IN HINDI

जाखू का इतिहास। HISTORY OF JAKHU TEMPLE IN HINDI 


जाखू का इतिहास। HISTORY OF JAKHU TEMPLE IN HINDI
JAKHU TEMPLE SHIMLA 

हिन्दू धर्म की पौराणिक कथा के अनुसार जब भगवान श्री राम का तथा रावण के बीच युद्ध हुआ था उसी युद्ध के दौरान भगवान श्री राम के छोटे भाई लक्ष्मण रावण के पुत्र मेघनाथ के तीरों से घायल हो गये थे और मूर्छित अवस्था में चले गये थे उस समय हर तरह का उपचार असफल हो रहा था लक्ष्मण जी को मूर्छित अवस्था से बाहर लाने के लिए फिर वैधराज सुषेण ने कहा लक्ष्मण जी को इस अवस्था से बाहर लाने का सिर्फ मात्र एक उपाय बचा है वो है हिमालय की संजीवनी बूटी सिर्फ उसी से ही लक्ष्मण जी को इस अवस्था से बाहर लाया जा सकता है और उनके प्राणों की रक्षा की जा सकती है जिसे समय पर लाना संभव नहीं है उस समय इस संकट की घडी में श्री राम भक्त हनुमान जी ने प्रभु राम से कहाँ की वो उस संजीवनी बूटी को समय रहते ले आएंगे ,और इतना कहकर श्री राम भक्त हनुमान हिमालय के लिए वायु मार्ग से चले गये।  

भगवान हनुमान जी को जाते समय रास्ते में उन्हें नीचे एक पहाड़ी दिखी जिस पर उन्हें ऋषि याकू दिखाई दिए उन्हें देख कर वो नीचे आये लेकिन जिस समय हनुमान जी नीचे उतरे तो वो पहाड़ हनुमान जी का भार सहन न कर सकने के कारण जमीन मैं धंस गया वो पहाड़ आधे ज्यादा जमीन मैं समा गया। इस पर्वत का नाम जाखू पर्वत है जो की ऋषि याकू के नाम पर ही पड़ा था। 



फिर हनुमान जी ने ऋषि याकू को पूरा वृतांत सुनाया और ऋषि याकू से कहाँ की संजीवनी लाते समय वो उनके आश्रम पर अवश्य आएँगे। हनुमान जी वहाँ से हिमालय के लिए चल दिए रास्ते में उन्हें कामनेमी नाम का राक्षस मिला जिसने हनुमान जी को रोकने का प्रयास किया लेकिन दोनों के युद्ध  में हनुमान जी ने कालनेमी को परास्त कर दिया। इन्ही सब के कारण और समय के अभाव के कारण वो लौटते समय ऋषि याकू के आश्रम पर नहीं जा पाए ,लेकिन हनुमान जी ऋषि को क्रोधित नहीं करना चाहते थे। इसलिए हनुमान जी ने अपने विशाल रूप मैं प्रकट होकर और दर्शन दे कर अंतर्ध्यान हो गए हनुमान जी के अंतर्ध्यान होने के बाद ऋषि याकू ने हनुमान जी को समर्पित करते हुए उन्होंने यहाँ मंदिर का निर्माण करवाया,जिस जगह हनुमान जीने कदमों को रखा था उस जगह और पहाड़ को ऋषि याकू ने वरदान दिया " की जब तक संसार मैं ये पहाड़ रहेगा तब तक इस जगह हनुमान मनुष्यों द्वारा पूजे जायेंगे " और तब से ही इस जाखू मंदिर पर हनुमान जी की पूजा होती आ रही है और भविष्य मैं भी होती रहेगी। 

जाखू पर्वत शिमला के रिज के निकट ही है रिज से जाखू मंदिर तक आप टेक्सी से भी जा सकते हो और पैदल भी रिज से जाखू तक के रास्ते पर घने देवदारों के विशाल पेड़ो के बीच से रास्ता जाता है जिससे आप आसानी से जाखू मंदिर तक पहुँच सकते हैं। 



जाखू मंदिर कैसे पहुँचें। HOW TO REACH JAKHU TEMPLE IN HINDI 


हवाई जहाज से। BY AIR : हवाई जहाज से जाखू मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको शिमला के सबसे नजदीकी हवाई अड्डे जो जुब्बड़हट्टी में मौजूद है जो शिमला से लगभग 25 किलोमीटर की दुरी पर है हवाई अड्डे से आप शिमला तक टैक्सी से आसानी से पहुँच सकते हो उसके बाद आप शिमला के रिज से जाखू तक टैक्सी से या फिर पैदल यात्रा कर सकते है।  


रेलगाड़ी से। BY TRAIN : अगर आप भारत के किसी भी राज्य से शिमला में स्थित जाखू मंदिर के दर्शन करना चाहते हो तो आपको पहले दिल्ली या चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन तक पहूँचना होगा और वहाँ से आप कालका तक का सफर तय करेंगे उसके बाद शिमला की सबसे महशूर ट्रैन  से आप शिमला तक आसानी से पहुँच सकते हैं। या फिर आप जहाँ से आ रहे हो वहाँ से कालका तक अगर कोई ट्रैन आती है तो आप कालका से शिमला TOY TRAIN से अपना सफर पूरा कर सकते हैं।  


सड़क यात्रा से। BY ROAD : चंडीगढ़ का राष्ट्रिय राजमार्ग 22 जो शिमला को भारत के कई राज्यों से जोड़ता है आप चंडीगढ़ से शिमला तक का सफर इसी राजमार्ग से तय कर सकते हैं चंडीगढ़ से शिमला तक ये मार्ग कई बड़ी जगहों से होता हुआ शिमला तक पहुँचता हैं। 


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