PLACES TO VISIT IN MANIKARAN

मणिकरण यात्रा और मणिकरण का इतिहास । MANIKARAN TRIP AND MANIKARAN HISTORY IN HINDI

मणिकरण, कुल्लू की ऊँची ऊँचीपहाड़ियों के बीच में स्थित है यह समुन्द्र तल से 1760 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और हिमाचल प्रदेश के कुल्लू से लगभग 45 किलोमीटर की दूर स्थित है। हिंदुओं और सिखों के तीर्थ स्थान मणिकरण में बहुत से मंदिर और गुरुद्वारा भी है। जिनमे भगवान राम, शिव , कृष्ण, विष्णु और देवी भगवती के पौराणिक मंदिर भी हैं।


MANIKARAN SAHIB IN HINDI
Manikaran Sahib image 

मणिकरण  इस जगह का नाम मणि से ही पड़ा है। पौराणकि कथा के अनुसार इस जगह पर भगवान शिव और देवी पार्वती इस जगह की सुंदरता पर मोहित हो गए थे और यहाँ कई बर्षों तक यहाँ पर रहे भी थे। जब यहाँ पर भगवान् शिव और माता पार्वती रह रहे थे उसी समय देवी पार्वती ने एक मणि को पानी की धारा में खो दिया और उसके लिए  परेशान होने लगीं । लेकिन उस मणि को  शेष नाग ने  निगल लिया था जिसकी वजह से  भगवान शिव क्रोध में आ गए और तांडव नृत्य  करने लगे । और फिर शेष नाग की वजह से यहाँ पर उबलते हुए पानी के झरनों को उद्गम हुआ और माता  पार्वती के मणि के जैसे ही  दिखने वाले बहुत से  रत्न पूरे पानी में यहाँ फ़ैल गए,तभी से इस जगह को मणिकरण नाम मिला था ।

राम मंदिर निर्माण 17 वीं शताब्दी में राजा जगत सिंह ने बहुत ही सुन्दर शैली पिरामिड शैली में बनवाया था, जब भगवान राम की मूर्ति अयोध्या से लाई गई थी। उसके बाद में मूर्ति को कुल्लू में स्थापित करवा दिया गया था । फिर मंदिर के द्वार का निर्माण राजा दिलीप सिंह ने सन 1889 में करवाया था। एक ट्रस्ट 1981 से मंदिर की देखभाल अभी तक कर रहा है। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के रहने के लिए हॉल और कमरे भी हैं। यहां एक 'लंगर' भी करवाया जाता है.


मणिकरण साहिब का इतिहास। MANIKARAN SAHIB HISTORY IN HINDI


MANIKARAN SAHIB HISTORY IN HINDI
Manikaran Sahib history 

गुरुद्वारा श्री गुरु नानक देव जी को समर्पित है यहाँ मौजूद एक ऐतिहासिक शेख मंदिर है जिसे बाबा नारायण हरी ने खोजा था, गुरुद्वारा मणिकर्ण साहिब के इतिहास का विवरण भाई बाला जनमसाखी और ट्विरिख गुरु खालसा में भी मिलता है।

यह गुरुद्वारा श्री गुरु नानक देव जी के  उस स्थान पर स्थित हैं जहाँ भारत के हिमालय पर्वतों में श्री गुरु नानक देव जी अपने सिखों के साथ रहे थे। उनके सभी सिख भूखे थे और खाना कहीं नहीं था। गुरु नानक ने अपने अच्छे दोस्त भाई मर्दाना को लंगर के लिए भोजन एकत्र करने के लिए भेजा बहुत से लोगों ने उन्हें रोटी बनाने के लिए चावल और आटा भी दिया लेकिन उस समय सभी के सामने एक परेशानी  यह भी थी कि खाना बनाने के लिए वह कहीं आग भी मौजूद  नहीं थी।

गुरु नानक जी ने फिर वहां पर रखी एक बड़ी से चट्टान को उठाया और वहां एक गर्म पानी का झरना दिखाई दिया सभी सिखों को चावल और फुलकियाँ बनाने में सक्षम थे , लेकिन भाई मरदाना को चपातियाँ बनाने में परेशानी हो रही थी क्यूंकि वो डूब जातीं थीं फिर गुरु नानक जी ने कहा की जो कोई भी भगवान के नाम पर दान करता है तो उसकी सभी डूबी हुई वस्तुएँ तैरने लगती हैं फिर भाई मरदाना ने कहा में भगवान् के नाम पर इन को ही दान करता हूँ फिर अचानक उसी समय उनके द्वारा बनाई गयी चपातियाँ अद्भुत ढंग से तैरने लगीं यह एक अद्भुत चमत्कार था। 

ये जगह अपने गर्म उबलते हुए पानी के स्रोतों के लिए आज भी प्रसिद्ध है जहाँ लाखों श्रद्धालु हमेशा यहाँ आते हैं और बहुत से श्रद्धालु अपने त्वचा के रोग के इलाज के लिए यहाँ पानी में डुबकी लगाने के लिए भी आते हैं यहाँ की ऐसी मान्यता है की यहाँ उबलते हुए पानी के स्रोतों से त्वचा के सभी रोग ठीक हो जाते हैं। 

मणिकर्ण जाने का सबसे सही समय। BEST TIME TO VISIT IN MANIKARAN IN HINDI

मनिकरण हिमाचल प्रदेश की ऊँची पहाड़ियों के बीच में स्थित है इस जगह का मौसम वैसे तो 10 डिग्री के औसत तापमान के साथ ही पुरे साल ठंडा बना रहता है। गर्म पानी के झरने के लिए प्रसिद्ध यह जगह पर्यटकों के लिए पर्यटन का एक प्रमुख स्थल बन जाता है।

मणिकरण का मौसम। MANIKARAN TEMPERATURE IN HINDI

वैसे तो ज़्यदातर लोगों को सिर्फ इन महीनो में आना ही पसंद होता है।
यहाँ गर्मियों में ज्यादातर लोग अप्रैल से जून के बीच में ही आते हैं
और सर्दियों में अक्टूबर से फरवरी में ही आना पसंद करते हैं
और अगर वही में मानसून के मौसम के बात करूं तो सबसे ज्यादा लोग जुलाई से सितम्बर के बीच ही यहाँ आना पसंद करते हैं।


मणिकरण में घूमने की जगहें। PLACES TO VISIT IN MANIKARAN IN HINDI

अगर आप मणिकरण घूमने जा रहे हैं तो इन जगहों पर जाना बिल्कुल भी न भूले क्यूँकि इन जगहों पर पहुँच कर आपको एक अलग ही तरह के आनद की अनुभूति होगी।



मणिकरण में घूमने वाली जगहों में एक मणिकरण साहिब गुरुद्वारा है जहाँ लाखों लोग हर साल यहाँ आते है सिखों के लिए सबसे पवित्र है इस गुरूद्वारे की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की यहाँ पर हमेशा एक बहुत बड़े लंगर का आयोजन किया जाता है और यह लंगर प्रतिदिन आयोजित किया जाता है

शिव मंदिर। SHIV TEMPLE IN HINDI

यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है यहाँ के स्थानीय लोगों का मानना है की इस मंदिर पर हर 12 वर्षों के बाद इस मंदिर के शिवलिंगम के ऊपर बिजली गिरती है जिसे बाद में यहाँ के पुजारी मिलकर माखन की मदद से जोड़ देते हैं और फिर कुछ समय बाद शिव लिंगम अपने पुराने स्वरूप में आ जाता है इस मंदिर की इसी मान्यता के कारण यहाँ हर साल श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है

कुलंत पिठ। KULANT PITH IN HINDI

कुलंत पीठ भारत के सभी पीठों में सबसे श्रेष्ट और पवित्र माना जाता है यह जगह भगवान शिव के निवास स्थान की पवित्रता को दर्शाती है। यहाँ लाखों पर्यटक हर साल आते है और इस स्थान पर विष्णु कुंड सबसे पवित्र कुंड माना जाता है पौराणिक कथा के अनुसार ऐसा माना जाता है की कोई भी इस कुंड के उबलते पानी में पका हुआ भोजन कर लेता है तो वह विष्णु लोक में जाता है मान्यता यह भी है की इस कुंड की एक भी बूँद के स्पर्श में आते ही सभी तरह की बुराइयों और क्रोध से मुक्त हो जाते हैं।

श्री राम मंदिर। SHREE RAM TEMPLE IN HINDI

श्री राम मंदिर इस मंदिर का निर्माण राजा जगत सिंह ने १७ वीं शताब्दी में करवाया था यह मंदिर इस जगह का बहुत ही लोकप्रिय धार्मिक स्थल माना जाता है इस मंदिर के दर्शन के लिए आने वाले सभी श्रद्धालुओं के रुकने के लिए 3 हॉल और 40 कमरे भी है और यहाँ श्रद्धालुओं के लिए लंगर का आयोजन भी करवाया जाता है।

हरिंदर पर्वत। HARINADAR MOUNTAIN IN HINDI

हरिंदर पर्वत , मणिकरण उत्तर में हरिंदर पर्वत के बड़े बड़े बर्फ से ढके हुए पहाड़ों से घिरा हुआ है यहाँ घूमने आये पर्यटक इन पहाड़ों पर उनकी चट्टानों से शहर का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है और पार्वती नदी के तट पर स्थित है और इन पहाड़ों की चोटियों से इस नदी अद्भुत दृश्य देखा जा सकता है।


मणिकरण कैसे पहुँचें। HOW TO REACH MANIKARAN IN HINDI

मणिकरण पहुँचने के लिए आपको यहाँ सभी तरह के साधन मिल जायेंगे जैसे बस , ट्रेन , हवाई जहाज इन सभी की सहायता से MANIKARAN तक पहुँच सकते हैं।

हवाई जहाज से : मणिकरण के सबसे नजदीकी हवाई अड्डा भुंतर हवाई अड्डा है यहाँ से मणिकरण दुरी लगभग 40 किलोमीटर की है हवाई यात्रा से यहाँ पहुँचने के बाद आप यहाँ से स्थानीय बस या टेक्सी के माध्यम से मणिकरण तक आसानी से पहुँचने सकतें हैं।

ट्रेन से : अगर आप मणिकरण ट्रैन जाने का विचार बना रहे है तो यह जानकारी आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण होने वाली है मणिकरण के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन पठानकोट में है जो की मणिकरण से लगभग 300 किलोमीटर दूर हैं पठानकोट से मणिकरण तक पहुँचने के लिए लगभग आपको 8 घंटे से भी ज्यादा का समय लगेगा , पठानकोट से मणिकरण पहुँचने लिए पठानकोट से टेक्सी ही ले ये सबसे अच्छा माध्यम रहेगा मणिकरण पहुँचने के लिए।

सड़क से : वैसे तो आप अगर सड़क से मणिकरण तक आना चाहते है तो आप अपने वाहन से भी आ सकते हैं और वही दूसरा तरीका मणिकरण की स्थानीय बसों का भी विकल्प है क्यूँकि यहाँ की स्थानीय बसों का मार्ग कई बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है जिनमे भुंतर , शिमला , पठानकोट , चंडीगढ़ और दिल्ली भी शामिल है इन सभी शहरों से मणिकरण के लिए टेक्सी भी आसानी से उपलब्ध हो जाती है।





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