वाराणसी से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ। Varanasi india
दुनिया के सबसे प्राचीन शहर बनारस की जानकारियाँ। Varanasi india
नमस्कार दोस्तो मे टूरिस्ट दोस्त आज आपके लिए भारत की ऐसी नगरी जो पूरी दुनिया मे प्रसिद्ध और सबसे प्राचीन नगरी के रूप मे जानी जाती है,उस वाराणसी ( varanasi india in hindi) ( काशी ) के बारे मे बताने वाला हूँ।
Varanasi india in hindi - गंगा के तट पर स्थित काशी बहुत प्राचीन नगरी है। इतने पुराने नगर दुनिया में बहुत ही कम देखने को मिले है। बनारस का प्रमुख नगर काशी हुआ करता था। पौराणिक कथाओं के अनुसार, काशी नगर को भगवान शिव ने लगभग सेकडों वर्ष पहले बसाया था, जिस वजह ये आज एक महत्त्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। हिन्दुओं की पवित्र सप्तपुरियों में से भी एक नगरी है। स्कन्द पुराण,रामायण और महाभारत के साथ - साथ ऋग्वेद मे काशी का उल्लेख मिलता है।
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वाराणसी कहूँ या बनारस ( Banaras india in hindi ) जो पूरी दुनिया मे काशी के नाम भी विख्यात है। दुनिया के सबसे प्राचीन शहरों में से एक वाराणसी का वर्णन हिंदू पौराणिक कथाओं में भी मिलता है। मार्क ट्वेन, अंग्रेजी लेखक और साहित्यकार जिन्होंने वाराणसी की कथा और पवित्रता से मंत्रमुग्ध होकर ने एक बार उन्होंने लिखा था, की "बनारस इतिहास से भी प्राचीन है।
परंपरा से भी प्राचीन है, कथाओं से भी प्राचीन है और इन सभी को मिलाकर भी दोगुना प्राचीन है।" बनारस की भूमि वर्षों से हिंदुओं के लिए प्रमुख तीर्थ स्थल रही है। ऐसा मानना है कि जो वाराणसी की भूमि पर मरने की कृपा करता है, वह जन्म और पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति प्राप्त कर लेता है।
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भगवान शिव और पार्वती का निवास स्थान और वाराणसी की उत्पत्ति अभी तक अज्ञात हो है। ऐसा माना जाता है कि वाराणसी में गंगा नश्वर लोगों के पापों को धोने की क्षमता है। गंगा का उद्गम भगवान शिव के जटाओं से हुआ है और वाराणसी में शक्तिशाली बहाव नदी फैली हुई है। यह शहर 3000 से अधिक वर्षों से शिक्षा और सभ्यता का केंद्र रहा है।
सारनाथ के साथ, जहां बुद्ध ने ज्ञान के बाद अपना पहला उपदेश दिया था, केवल 10 किमी दूर, वाराणसी हिंदू पुनर्जागरण का प्रतीक रहा है। यहां सदियों से ज्ञान, दर्शन, संस्कृति, देवताओं की भक्ति, भारतीय कला और शिल्प सभी का विकास होता रहा है।
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साथ ही जैनियों के लिए एक तीर्थ स्थान, वाराणसी को तेईसवें तीर्थंकर पार्श्वनाथ का जन्मस्थान कहा जाता है। वाराणसी में वैष्णववाद और शैववाद का सह-अस्तित्व सौहार्दपूर्ण ढंग से रहा है। वाराणसी अध्यात्मवाद, रहस्यवाद, संस्कृत, योग और हिंदी भाषा के प्रचार का बहुत बड़ा केंद्र है ।
रामचरित मानस को लिखने वाले कवि तुलसी दास और प्रसिद्ध उपन्यास कार प्रेम चंद जी और तुलसी दास जी जैसे लेखक हैं। भारत की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में वाराणसी को जाना जाता है। नृत्य और संगीत के बहुत से प्रतिपादक वाराणसी से ही आए हैं। वाराणसी सदियों से ज्ञान, दर्शन और संस्कृति और देवताओं की भक्ति, भारतीय कला और शिल्प सभी कला के लिए पूरी दुनिया मे प्रसिद्ध है।
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वाराणसी कैसे जाये। How to reach varanasi in hindi
अगर आप बनारस घूमने के लिए जाना चाहते है, तो आपकी जानकारी के लिए बताना चाहूंगा की देश के सभी हिस्सों से काशी के लिए यातायात की सभी सुविधाओं से पूरी तरीके से और अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
यहाँ आने के लिए आप किसी भी रेलवे स्टेशन से आप अपनी ट्रेन बुक कर सकते है। वाराणसी रेलमार्ग से लगभग देश के सभी हिस्सों से जुड़ा हुआ है, आपको दिल्ली और दिल्ली के आस पास के शहरो से बस की सुविधा मिल जाएगी ।
और अगर आप हवाई यात्रा के जरिये वाराणसी पहुँचना चाहते है तो यहाँ लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट है जो भारत के सभी एयरपोर्ट से पूरी तरह से जुड़ा हुआ है,आप अपनी हवाई यात्रा यहाँ पहुँचने के लिए लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट के लिए अपनी फ्लाइट बुक कर सकते हैं।
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इस लेख मे अपने भारत के वाराणसी ( varanasi india ) के बारे मे जाना है , उम्मीद करता हूँ आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो मुझे कमेंट करके जरूर बताएँ।
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