चार धाम यात्रा कब, कैसे और कहाँ से सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ। char dham yatra details in hindi
चार धाम यात्रा, उत्तराखंड। Char Dham Yatra in hindi , Uttrakhand
नमस्कार दोस्तो मे टूरिस्ट दोस्त आज इस लेख मे भारत की सबसे पवित्र उत्तराखंड की चार धाम यात्रा ( char dham yatra in hindi ) के बारे सारी जानकारियाँ दी है। अगर आप भी चार धाम यात्रा पर जाना चाहते है, तो यह लेख आपके लिए बहुत मददगार साबित होगा।
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Char Dham Yatra in Hindi - उत्तराखंड को देवभूमि (देवों की भूमि) कहा जाता है, क्योंकि यह जगह तीर्थों, पवित्र मंदिरों और स्थलों की भूमि है, जहाँ लाखों तीर्थयात्रियों और आध्यात्मिक साधकों को ज्ञान प्राप्त करने के लिए आकर्षित करती है।
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उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित 4 धामों की तीर्थयात्रा को भारत में सबसे पवित्र यात्रा माना जाता है। जिनमे बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री ये चार सबसे प्राचीन मंदिर चार पवित्र नदियों के आध्यात्मिक स्रोत को भी बताते हैं। यमुना नदी (यमुनोत्री), गंगा नदी (गंगोत्री), मंदाकिनी नदी (केदारनाथ) और अलकनंदा नदी (बद्रीनाथ) को दर्शाती है।
चार धाम यात्रा क्यों करनी चाहिए।
चार धाम हिंदू तीर्थयात्रा के प्रसिद्ध चार पवित्र स्थलों से होती हैं, जो उत्तराखंड में हिमालय की ऊंची - ऊँची चोटियों के बीच मौजूद हैं। इस हिंदू तीर्थयात्रा चार धाम में चार जगह आती है। जिनमे यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ शामिल है । इन सभी स्थानों को हिंदू धर्म मे पवित्र माना जाता है।
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हिंदुओं मे इस यात्रा एक महत्व है, ये यात्रा मोक्ष प्राप्त करने के लिए जीवन में कम से कम एक बार की प्रत्येक हिंदू की अंतिम इच्छा होती है। हिंदू धर्म मे तीर्थयात्रा , धर्म, पूजा, संस्कार और धार्मिक त्योहारों के पालन के साथ-साथ हर हिंदू के पांच कर्तव्यों में से एक होती है। तीर्थयात्रा इच्छाशक्ति, नम्रता और विश्वास में एक अभ्यास है।
जब भक्त अक्सर कठिन तीर्थ स्थानों की यात्रा करते है और अपनी समस्याओं को देवता के चरणों में छोड़ देता है और भगवान को छोड़कर सब कुछ भूल जाता है। उस समय तीर्थयात्रा एक अंतरंग अनुभव होती है, साधक और पवित्र के बीच एक सीधा संबंध होता है।
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एक भक्त पवित्र मंदिरों में पूजा करने, प्राचीन गर्भगृहों में निवास करने वाले देवताओं के दर्शन करने के लिए तीर्थ यात्रा पर जाते है। एक तीर्थयात्री भगवान को देखने के लिए यात्रा करता है, उसका परमात्मा के साथ जीवन-परिवर्तन, आनंद-उत्पन्न, कर्म-उन्मूलन जुड़ाव होता है।
चार धाम मंदिरों के बारे में महान हिंदू दार्शनिक और सुधारक आदि शंकराचार्य ने 8 वीं शताब्दी के दौरान हिंदू धर्म को पुनर्जीवित करने के प्रयास में 4 धाम यात्रा की शुरुआत की थी । अब, दुनिया भर से हजारों भक्त इसका हिस्सा बन चुके हैं।
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2022 मे चार धाम यात्रा करने की तिथियाँ। Char Dham Yatra Dates in 2022
बद्रीनाथ धाम यात्रा। Badrinath yatra
बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित एक तीर्थ स्थल है, और यह छोटे चार धाम और भारत के 4 धाम का भी हिस्सा है। बद्रीनाथ मंदिर के 2022 मे कपाट खुलने की समय घोषित हुआ है।
बद्रीनाथ धाम खुलने की समय : 08 मई 2022 सुबह 6.15 बजे
बद्रीनाथ धाम बंद होने की समय : नवंबर 2022
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केदारनाथ धाम यात्रा। Kedarnath dham
भगवान शिव को समर्पित केदारनाथ मंदिर पूरे भारत एक लोकप्रिय हिंदू मंदिर और तीर्थ स्थल है, जो दुनिया भर से भक्तों को आकर्षित करता है। 2022 के लिए केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने का समय शिव रात्रि पर तय हुआ है ।
केदारनाथ धाम खुलने की समय : 06 मई 2022 केदारनाथ धाम बंद होने की समय : 26 अक्टूबर 2022
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गंगोत्री धाम यात्रा। Gangotri Yatra
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Imgae credit - TripAdvisor. In |
गंगोत्री मंदिर देवी गंगा को समर्पित है। गंगोत्री पवित्र गंगा नदी का उद्गम स्थल भी है। गंगोत्री मंदिर के खुलने का समय अक्षय तृतीया के शुभ दिन पर तय हुआ है ।
गंगोत्री धाम के खुलने का समया : 03 मई 2022
गंगोत्री धाम बंद होने की समय : 25 अक्टूबर 2022
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यमुनोत्री धाम यात्रा। Yamunotri yatra
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Image credit - kedarnathtemple.com |
यमुनोत्री मंदिर देवी यमुना को समर्पित है। यमुनोत्री यमुना का आशीर्वाद लेने और मृत्यु की पीड़ा से खुद को बचाने का स्थान भी कहा जाता है, क्योंकि देवी यमुना मृत्यु के देवता यम की बहन हैं। यमुनोत्री मंदिर के कपाट खुलने का समय अक्षय तृतीया के शुभ दिन पर तय हुआ है ।
यमुनोत्री धाम खुलने का समय : 03 मई 2022
यमुनोत्री धाम के बंद होने का समय : 26 अक्टूबर 2022
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महत्वपूर्ण जानकारी : चार धाम यात्रा करने के लिए ( किसी भी साल )पंजीकरण अनिवार्य होता है। चार धाम यात्रा पंजीकरण के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे ।
चारधाम यात्रा के मार्ग। char dham yatra route in hindi
परंपरागत रूप से, चारधाम यात्रा पश्चिम से पूर्व की ओर होती है,यह यात्रा इस तरह यमुनोत्री धाम से शुरू होकर , फिर गंगोत्री तक जाती है और अंत में केदारनाथ और बद्रीनाथ तक जाती है। इस चार धाम यात्रा के तीर्थयात्री परंपरागत रूप से पहले यमुनोत्री और गंगोत्री जाते हैं ।
और अपने साथ यमुना और गंगा नदियों के स्रोतों से पवित्र जल लेकर आते हैं और केदारनाथ धाम ( केदारेश्वर ) को जल अभिषेक करते हैं। उत्तराखंड की चार धामों को भारत की छोटी चार धाम भी कहा जाता है।
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चार धाम यात्रा के सबसे लोकप्रिय रास्ते । Char Dham Yatra Route in hindi
हरिद्वार से ऋषिकेश से देव प्रयाग से टिहरी से धरासु से यमुनोत्री से होते हुए उत्तरकाशी से गंगोत्री से होते हुए गौरीकुंड से केदारनाथ से जोशीमठ से फिर अंत मे बद्रीनाथ धाम पर जा कर यह यात्रा संपूर्ण होती है ।
इस लेख मे आपने चार धाम यात्रा ( char dham yatra in Hindi ) की लगभग सभी जानकारियाँ के बारे मे जाना है। अगर आपको मेरे द्वारा दी ये सभी जानकारी अच्छी लगी हो तो इस लेख को शैयर जरूर करे।
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