Chhatarpur Temple New Delhi
छतरपुर मंदिर। Chhatarpur Temple In Hindi
पौराणिक कथा के अनुसार माँ दुर्गा देवी की ऋषि कात्यायन ने कठोर तपस्या की थी उनके कठोर तपस्या के फलस्वरूप माँ दुर्गा देवी ने ऋषि को दर्शन दिए थे और ऋषि को मनचाहा वरदान मॉँगने का आशीर्वाद भी दिया।
माँ आद्य कात्यायनी का यह मंदिर भारत के दिल्ली छतरपुर में स्थित है ये मंदिर Chhatarpur temple के नाम से ही दिल्ली में ज्यादा प्रचलित है ये मंदिर भारत के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है अगर में इस मंदिर के क्षेत्रफल की बात करूँ तो ये मंदिर 70 एकड़ तक फैला हुआ है। इस मंदिर की स्थापना 1974 में कर्नाटक के संत बाबा नागपाल जी ने करवाई थी।
इस मंदिर के परिसर में आपको संत बाबा नागपाल जी की समाधि देखने को मिल जाएगी।
वही इस मंदिर के परिसर में 15 से ज्यादा छोटे बड़े मंदिरों को मिलाकर मंदिर बने हुए है जिनमे भगवान गणेश , भगवान हनुमान , भगवान राम और भगवान शिव जी के मंदिर भी शामिल है इस मंदिर में आपको भगवान हनुमान की विशाल मूर्ति के भी दर्शन होंगे जो भारत की सबसे बड़ी भगवान हनुमान जी की मूर्तियों में से एक मूर्ति है।
Chhatarpur temple images |
माँ आद्य कात्यायनी देवी के मंदिर का इतिहास। Chhatarpur Temple History In Hindi
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पौराणिक कथा के अनुसार माँ दुर्गा देवी की ऋषि कात्यायन ने कठोर तपस्या की थी उनके कठोर तपस्या के फलस्वरूप माँ दुर्गा देवी ने ऋषि को दर्शन दिए थे और ऋषि को मनचाहा वरदान मॉँगने का आशीर्वाद भी दिया।
ऋषि उस दिए हुए आशीर्वाद से बहुत प्रसन्न हुए और ऋषि ने वरदान के रूप में माँ दुर्गा देवी को ही अपनी पुत्री के रूप में माँग लिया , ऋषि ने कहा माँ में अपने वरदान के रूप में आपको ही अपनी पुत्री के रूप में देखना चाहता हूँ। आप मेरे घर में जन्म लेकर मुझे अपने पिता बनने का सौभग्य दो माँ।
माँ दुर्गा देवी ऋषि के ये वचन सुन कर बहुत प्रसन्न हुई और उन्होंने ऋषि को ये वरदान आशीर्वाद के रूप में दे दिया।
माँ दुर्गा देवी ने कुछ समय बाद अपने दिए हुए वरदान के रूप में ऋषि के घर जन्म लिया और देवी , कात्यायन पुत्री के रूप में रहने लगी और यही रूप माता का देवी कात्यायनी के रूप में विख्यात हुआ माता के इसी अवतार को कात्यायनी देवी का अवतार कहा जाता है जिनका दिल्ली के छतरपुर में भव्य मंदिर बना हुआ है।
माँ कात्यायनी देवी के इस मंदिर में नवरात्री , महाशिवरात्रि और जन्माष्टमी के मौके पर देश भर से लाखो श्रद्धालुओं की भीड़ इस मंदिर में हर साल उमड़ती है इन पर्वों पर इस मंदिर में बहुत बड़े प्रसाद के रूप में भंडारे का आयोजन भी किया जाता है
मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक बहुत विशाल और बहुत प्राचीन पेड़ है जिसके बारे में श्रद्धालुओं की यह मान्यता है की इस पेड़ पर धागा बाँधने से सभी की मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं आपको इस पेड़ पर बहुत सारा धागा बंधा हुआ भी मिलेगा।
छतरपुर मंदिर कैसे पहुँचे। How To Reach Chhatarpur Temple In Hindi
माँ कात्यायनी का मंदिर देश की राजधानी दिल्ली में स्थित है आपको यहाँ तक पहुंचने के लिए भारत के हर जगह से बस , ट्रैन और हवाई यात्रा की सुविधा आसानी से मिल जाएगी जिससे आप मंदिर तक आसानी से पहुँच सकते हो।
बस से : मंदिर के सबसे नजदीकी कश्मीरी गेट बस स्टेण्ड है यहाँ तक आपको देश के हर जगह से बस की सेवा आसानी से मिल जाएगी। यहाँ से आप लोकल बस सर्विस या टेक्सी के माध्यम से आप मंदिर तक आसानी से पहुँच सकते हो।
ट्रैन से : नई दिल्ली रेलवे स्टेशन मंदिर के सबसे पास रेलवे स्टेशन है आपको यहाँ तक आने के लिए सभी जगहों से दिल्ली आने वाली ट्रेने मिल जाएगी। रेलवे स्टेशन के बाद आपको मंदिर तक के लिए बस या टेक्सी मिल जाएगी जिसकी मदद से आप मंदिर तक पहुंच जाओगे।
हवाई जहाज से : मंदिर के सबसे नजदीकी हवाई अड्डा इंदिरा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है यहाँ के लिए आपको देश के सभी जगहों से हवाई यात्रा मिल जाएगी। हवाई अड्डे से मंदिर तक आने के लिए आपको हवाई अड्डे से आपको टेक्सी मिल जाएगी जिससे आप मंदिर तक आसानी से पहुंच जायँगे।
मंदिर के बारे में रोचक बातें
मंदिर को बनाने में पूरी तरह से संगेमरमर का ही इस्तेमाल किया गया है।
मंदिर में जिस कला का उपयोग किया गया है वो है वेसारा वास्तुकला है जिससे मंदिर बहुत अद्भुत नजर आता है।
ये मंदिर 2005 से पहले दुनिया के सबसे बड़े मंदिरों में दूसरे नंबर पर आता था और भारत का सबसे बड़ा मंदिर था। लेकिन 2005 में दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर जो 100 एकड़ में फैला हुआ है ये मंदिर बनने के बाद माँ कात्यायनी देवी का मंदिर भारत का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर बन गया।
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