MUNSIYARI TOURIST PLACES


MUNSIYARI TOURIST PLACE IN HINDI | मुनस्यारी पर्यटन स्थल 


मुनस्यारी एक बहुत ही खूबसूरत HILL STATION है जो उत्तराखंड में स्थित है। उत्तराखंड ये जगह ऐसे बहुत से TOURIST PLACES के लिए जानी जाती है। जहाँ प्राकृतिक के अद्भुत दृश्यों को देखा जा सकता है।अब बात करते हैं मुनस्यारी की ये उत्तराखंड की वो खूबसूरत जगह है जो चारों ओर से ऊँचे ऊँचे पहाड़ों से घिरी हुई है। और जिसके सामने से दुनिया भर में प्रसिद्ध हिमालय की वो पांच पर्वतों की श्रंखलायें दिखाई देती है जिसे पौराणिक कथाओं के अनुसार पांडवों के स्वर्ग जाने के रास्ते के लिए भी जाना जाता हैं।



MUNSIYARI TOURIST PLACES
MUNSIYARI UTTRAKHAND




मुनस्यारी की इसी जगह से बाई ओर नंदा देवी और त्रिशूल पर्वत दिखाई देता है वही दूसरी और दाई ओर यहाँ का बेहद खूबसूरत पिकनिक स्पॉट डानाधार है। और पीछे की तरफ खलिया टॉप है। मुनस्यारी यहाँ की सीमाएँ नेपाल और तिब्बत से लगी हुई हैं। जिन लोगों को ट्रैकिंग पसंद है उनके लिए मुनस्यारी बहुत ही अच्छी जगह साबित होने वाली है।



PLACES TO VISIT IN MUNSIYARI IN HINDI | Places To Visit near me | मुनस्यारी में घूमने लायक जगहें। 




मुनस्यारी अगर आप अपनी छुट्टियाँ मुनस्यारी MUNSIYARI में बिताने की सोच रहे है। तो आप अपनी छुटियाँ बहुत सी सुन्दर जगह बीताने वाले हैं। और में आपको बतायूंगा की आपको मुनस्यारी MUNSIYARI में कहाँ कहाँ घूमना चाहिए। क्यूँकि मुनस्यारी में ऐसी बहुत सी जगह है जो आपको प्राकृतिक केअद्भुत दृश्यों से भरी हुई हैं। और इतना ही नहीं मुनस्यारी में आपको पौराणिक कथाओं से जुड़े  हुए पर्वतों को देख सकतें हैं। 


में मुनस्यारी की जिन जगहों के बारे मे  बताने जा रहा हूँ वहाँ आप एक बार जरूर जाएँ क्युकी मुनस्यारी की बहुत ही सुन्दर जगह हैं ये जहाँ से आप मुनस्यारी MUNSIYARI को घूमने का एक अलग ही अनुभव मिलेगा।  


* KALAMUNI TOP | कालामुनी टॉप। 



मुनस्यारी MUNSIYARI के पर्यटन स्थलों में से कालामुनी टॉप एक पहाड़ ही ऊंचाई पर स्थित है। जो लगभग 9600 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। जो मुनस्यारी MUNSIYARI से लगभग 14 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। प्राकृतिक की सुन्दर छवि के साथ साथ ये जगह अपने पौराणिक महत्व के लिए बहुत प्रसिद्ध है। 


कालामुनी टॉप KALAMUNI TOP मुनस्यारी का यह TOURIST PLACE माँ काली को समर्पित बहुत पुराना मंदिर है। जिसकी वजह से यह जगह यहाँ के आस पास के शहरों में एक पवित्र स्थान के लिए भी जानी जाती है। कालामुनी टॉप को खास पंचाचूली पर्वत की शृंखलाएँ भी बनाती है क्यूँकि इन पर्वतों की आप यहाँ से आसानी से देख सकते हो। 


इस मंदिर में एक मान्यता बहुत अधिक प्रचलित है ऐसा कहा जाता है की यहाँ आने वाले श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए यहाँ मंदिर के परिसर में घंटी बांध कर माँ काली से प्रार्थना करतें हैं। 


* MAHESHWARI KUND | महेश्वरी कुंड। 


महेश्वरी कुंड को मुनस्यारी MUNSIYARI की एक बहुत पुरानी झील के रूप में भी जाना जाता है। महेश्वरी कुंड मुनस्यारी के पर्यटन स्थलों में से एक बहुत ही खूबसूरत TOURIST PLACE है। आप यहाँ मुनस्यारी में इस जगह भी घूमने जा सकते हो।



महेश्वरी कुंड एक पौराणिक कथा के लिए भी प्रसिद्ध है ऐसा कहा जाता है। की किसी बदले की भावना से मुनस्यारी के लोगों ने इस कुंड को सूखा दिया था। फिर यक्ष ने बदला लेने का विचार किया। जिसकी वजह से यह जगह पूरा सूखे की चपेट में आ गया था। फिर गाँव को बचाने के लिए गाँव वालों ने यक्ष से छमा मांगी थी। आज भी यहाँ माँफी माँगने की परंम्परा को पूरी श्रद्धा से पूरा किया जाता है। इसी वजह से मुनस्यारी आने वाले पर्यटक यहाँ जरूर घूमने आते हैं।    


* THAMRI KUND | थमरी कुंड। 


मुनस्यारी के पर्यटन स्थलों में से थमरी कुंड एक बारह महीनों बहने वाली झील है। ये झील कुमाऊँ घाटी के नजदीक यहाँ की सबसे ताजे पानी की झील है। ट्रैकिंग करने वालों के लिए ये जगह बहुत अच्छी है क्यूँकि मुख्य शहर से इस झील तक आने के लिए जो ट्रैक बना है उसके जरिये यहाँ तक पहुंचने के लिए लगभग 8 घंटे का समय लगता है। 



ये जगह पेपर और अल्पाइन के मोटे मोटे पेड़ों से घिरी हुई है। जो इस जगह को और भी खूबसूरत बना देती है। अगर आप यहाँ जाने के प्लान बना रहे हैं तो आपको सुबह जल्दी यहाँ के लिए निकलना पड़ता है। और अगर आप अपनी किस्मत को अच्छा मानते हो तो आपको इस कुंड में कस्तूरी मृग को देख पयोगे , अब तो मुनस्यारी जा कर ही अपनी किस्मत को आजमा सकते हो।  


* NANDA DEVI TEMPLE | नंदा देवी मंदिर।  


नंदा देवी मंदिर मुनस्यारी के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। मुनस्यारी से लगभग 3 किलोमीटर की दुरी पर स्थित यह मंदिर मुनस्यारी के प्राचीन मंदिरों में से एक है। जिसकी ऊँचाई समुन्द्र तल से लगभग 7500 फीट है मान्यताओं के हिसाब से यह मंदिर बहुत महत्वपूर्ण है इसीलिए यह मंदिर सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए ही नहीं बल्कि यहाँ आने वाले पर्यटकों के आक्रषण का केंद्र बनता है। 


यह से आपको हिमालय के और पंचाचूली पर्वतों को देखने के लिए यह जगह बहुत अच्छी है। यहाँ से आपको प्राकृतिक का एक अनूठा दृश्य देखने को मिल जायेगा आपको यहाँ एक बार यहाँ जरूर जाना चाहिए।


* PANCHACHULI PEAK | पंचाचूली शिखर। 


पंचाचूली पर्वत यहाँ का बहुत पसंद किया जाने वाला पर्यटन स्थल है। पाँच पर्वतों से मिल बना यह पर्वत पौराणिक महत्व को दर्शाता है। ये जगह पर्वतरोहिओं के लिए बहुत ही अच्छी जगह है। यहाँ पहुँचने के लिए पूर्व की ओर से सोना ग्लेशियर और पश्चिम की ओर से उत्तरी बालती ग्लेशियर होते हुए यहाँ पहुँचते है 


पौराणिक कथा के अनुसार पंचाचूली पर्वत महाभारत के पांडवों से जुड़े हुए है कहा जाता है की पांडवों ने अपनी स्वर्ग की यात्रा इन्ही पर्वतों से होकर की थी।  




* BIRTHI FALL | बिर्थी फॉल। 


मुनस्यारी के खूबसूरत झरनों में से एक है बिर्थी फॉल ऊँचे ऊँचे पेड़ो से घिरा हुआ यह झरना और यहाँ से देखे जाने वाले प्राकृतिक के खूबसूरत दृश्य बहुत मनमोहक है। इसी वजह से यहाँ हर साल प्रयटकों की भीड़ उमड़ती है। मुनस्यारी के खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है आप यहाँ भी घूमने के लिए जा सकते हैं।  


* TRIBAL HERITAGE MUSEUM | मुनस्यारी संग्राहलय। 


इस संग्राहलय में ट्राइबल संस्कृति के लोगों से जुडी उनकी जीवन शैली को दर्शाता है। मुनस्यारी से लगभग 2 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। इस संग्राहलय में भोटिया जनजाति के लोगों के जीवन शैली के कुछ उदाहरण के रूप में उनके कुछ समान रखे हुए हैं। जिनमे उनके श्रृंगार के सामान और रोजमर्रा के जीवन में काम आने वाली वस्तुएँ भी शामिल है। इससे ज्यादा में इस संग्राहलय के बारे में शव्दों के जरिये नहीं बता सकता इस संग्राहलय का पूरा अनुभव और दूसरे जनजाति के लोगों के बारे में जानने के लिए आपको एक बार इस संग्राहलय को जरूर देखना चाहिए। 



BEST TIME TO VISIT MUNSIYARI IN HINDI | मुनस्यारी घूमने का सबसे अच्छा समय 


मुनस्यारी एक बहुत खूबसूरत पर्यटन स्थल है। यहाँ जाने के लिए तो कोई सा भी मौसम अच्छा ही होता है लेकिन यहाँ जाने के लिए सबसे अच्छा समय मार्च से जून के बीच का है। और दूसरा समय सितम्बर से अक्टूबर के बीच का ही सबसे अच्छा है। 


ट्रैकिंग करने वालो के लिए गर्मियों का मौसम सबसे अच्छा होता है। क्यूँकि गर्मियों में ही यहाँ शानदार चोटियों का आनंद ट्रैकिंग के लिए लिया जाता है 


 HOW TO REACH MUNSIYARI IN HINDI | मुनस्यारी कैसे पहुँचें। 


मुनस्यारी पहुँचने के लिए आपको हवाई यात्रा , ट्रैन यात्रा और सड़क यात्रा से जा सकतें हैं। यहाँ तक पहुँचने के लिए आप इनमे से किसी भी यातायात की सुविधा को लिया जा सकता है। क्यूँकि यहाँ तक पहुँचने के लिए ये साधन आसानी मिल जायेंगे। 


* हवाई जहाज से : 

मुनस्यारी के सबसे नजदीकी हवाई अड्डा 214 किलोमीटर दूर देहरादून में है। यहाँ से मुनस्यारी तक आपको टैक्सी मिल जाएगी जिसके जरिये आप मुनस्यारी तक आसानी से पहुँच सकतें हैं। 

* ट्रैन से : 

अगर आप मुनस्यारी ट्रैन से जाना चाहते हो आपको मुनस्यारी तक पहुँचने के लिए आपको मुनस्यारी के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम के रेलवे स्टेशन पहुँचना पड़ेगा यही एक रेलवे स्टेशन मुनस्यारी के सबसे नजदीकी है जो मुनस्यारी से लगभग 275 किलोमीटर की दुरी पर है। इस रेलवे स्टेशन से मुनस्यारी तक पहुँचने के लिए आपको यहाँ से टैक्सी  और बस दोनों की सुविधा आसानी से मिल जाएगी जिसके जरिये आप मुनस्यारी तक आसानी से पहुँच जायेंगे।  

* सड़क से : 

मुनस्यारी के लिए अगर अपने रोड ट्रिप का प्लान बनाया है तो बहुत ही अच्छा रास्ता चुना है आपने क्यूंकि मुनस्यारी तक जाने के रास्ते उत्तराखंड के कई शहरों से जुड़े है रास्ते के जरिये आपको प्राकृतिक के अनूठे अनुभव होने वाला है। दिल्ली और कई बड़े शहरों से मुनस्यारी का मार्ग जुड़ा हुआ है जिसके जरिये आप आसानी से मुनस्यारी तक पहुँच सकते हैं। 


यदि आपने मुनस्यारी की यात्रा के लिए सड़क मार्ग का चुनाव किया है तो हम आपको बता दे कि मुनस्यारी उत्तराखंड के प्रमुख शहरों के साथ-साथ अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। दिल्ली और अन्य राज्यों से नियमित रूप से मुनस्यारी के लिए बसें चलती है। पर्यटकों को अपनी यात्रा के दौरान कई जगह बस बदलना पड़ेगा और फिर किसी अन्य साधन से मुनस्यारी पहुंचा जा सकता है।



इस आर्टिकल में मेने आपको उत्तराखंड के एक प्रमुख पर्यटन स्थल TOURIST PLACE मुनस्यारी के बारे में बताया है। मेने आपको इस आर्टिकल के जरिये मुनस्यारी के बारे में और मुनस्यारी में घूमने लायक जगहों और मुनस्यारी तक कैसे पहुँच सकते हैं। इन सभी प्रमुख बातों को बताया है जिससे आपको मुनस्यारी घूमने में मदद मिल जाएगी। 


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* झीलों की नगरी नैनीताल की सैर। 


* माँ वैष्णो देवी की यात्रा। 


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