सोमनाथ मंदिर घूमने से जुड़ी सभी जानकारियाँ। Somnath Temple Gujarat
सोमनाथ मंदिर - Somnath Temple in Hindi
नमस्कार दोस्तो मे टूरिस्ट दोस्त आज अपने इस आर्टिकल मे आप सभी के लिए भारत के प्राचीन मंदिरो मे से एक सोमनाथ मंदिर ( somnath mandir ) से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ बताने जा रहा हूँ। जो आपको यहाँ घूमने के लिए मददगार साबित होंगी।
मे आपको इस लेख मे सोमनाथ मंदिर के बारे मे और सोमनाथ मंदिर के इतिहास के बारे और यहाँ घूमने कैसे आये ये सभी जरूरी जानकारियाँ आज आपको मेरे इस आर्टिकल मे मिल जायेंगी।
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Somnath Temple in Hindi - सोमनाथ का मंदिर ( somnath mandir ) भारत के पश्चिम मे गुजरात मे स्थित है। यह प्राचीन मंदिर भगवान शिव जी को समर्पित है। भारत के इतिहास का सबसे प्राचीन मंदिरो मे से एक है।
सोमनाथ मंदिर को भारत के 12 ज्योतिलिंगों मे से सबसे पहले ज्योतिर्लिंग के रूप मे पूजा जाता है। गुजरात के सौराष्ट् मे स्थित सोमनाथ मंदिर का निर्माण चंद्रदेव ने ही किया था। इस बात उल्लेख ऋग्वेद मे भी मिलता है।
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सोमनाथ मंदिर का इतिहास। Somnath Temple History in Hindi
सोमनाथ मंदिर सबसे पहले ईसा के पूर्व में अस्तित्व में आया था । उसी जगह पर सोमनाथ मंदिर का निर्माण दूसरी बार सातवीं सदी में वल्लभी के मैत्रक राजाओं के द्वारा किया गया था। फिर इसके बाद आठवीं सदी में सिन्ध के अरबी गवर्नर जुनायद ने सोमनाथ मंदिर को तोड़ने के लिए अपनी सेना भेजी थी।
गुर्जर प्रतिहार राजा नागभट्ट ने सोमनाथ मंदिर का तीसरी बार निर्माण 815 ईस्वी मे करवाया था। इस मंदिर अद्भुत महिमा दुनिया भर मे फैली ही थी। जिसके चलते सन् 1024 मे महमूद गजनवी ने अपने 5000 साथियों के साथ मिलकर सोमनाथ मंदिर पर हमला कर दिया और मंदिर को तोड़ कर वहाँ से सभी संपति लूट कर चला गया।
सोमनाथ मंदिर का पुननिर्माण हुआ जो गुजरात के राजा भीम और मालवा के राजा भोज ने करवाया। इसके बाद सोमनाथ मंदिर सन् 1297 मे और उसके बाद 1706 मे औरंगजेब के द्वारा गिरवा दिया गया था।
आज हम जिस सोमनाथ मंदिर को देखते है उसका निर्माण 1 दिसम्बर 1955 को भारत के गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल जी करवाया था। जिसे राष्ट्रपति डॉ॰राजेंद्र प्रसाद जी राष्ट्र को समर्पित कर दिया था।
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सोमनाथ मंदिर का पौराणिक इतिहास।
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार चन्द्रदेव ने राजा प्रजापति दक्ष की 27 पुत्रियों के साथ विवाह किया था। लेकिन चंद्र देव सबसे अधिक उनमे से रोहिणी नामक पत्नी को अधिक प्रेम और महत्व दिया करते थे। जब इस बात का प्रजापति दक्ष को पता चला तो उन्होंने चंद्रदेव का क्षय होने श्राप दे दिया।
प्रजापति दक्ष के द्वारा दिया गए श्राप से चंद्रदेव का हर दूसरे दिन तेज कम होने लगता। फिर चंद्रदेव ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या शुरू कर दी। चन्द्रदेव की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने चन्द्रदेव के श्राप का निवारण किया। और इसी जगह शिवलिंग स्थापित किया गया। चन्द्रदेव को सोम के नाम से भी जाना जाता है। इसीलिए इस शिवलिंग को सोमनाथ नाम दिया गया। इस प्रकार भारत के पहले ज्योतिर्लिंग की स्थापना हुई।
एक मान्यता के अनुसार भगवान श्री कृष्ण जी ने इसी जगह पर अपना देह त्याग कर वैकुंड धाम को गए थे। यहाँ आपको भगवान श्री कृष्ण का भी मंदिर बना हुआ है।
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सोमनाथ मंदिर कैसे पहुँचे। How To Reach Somnath Temple in Hindi
हवाई मार्ग । How To Reach Somnath Temple by Flight in Hindi
सोमनाथ मंदिर के सबसे नजदीकी हवाई अड्डा राजकोट मे स्थित है। यहाँ से आपको मंदिर के लिए टैक्सी आसानी से मिल जायेगी जो आपको मंदिर तक ले जायेगी।
रेल मार्ग। How To Reach Somnath Temple by Train in Hindi
सोमनाथ मंदिर के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन राजकोट और अहमदाबाद का है। यहाँ से भी आपको बस, टैक्सी की सुविधा मिल जायेगी।
सड़क मार्ग। How To Reach Somnath Temple by Road in Hindi
देश के अलग अलग शहरों से आपको गुजरात के अहमदाबाद के लिए बस की सुविधाएँ मिल जायेगी। जिनकी मदद से आप आसानी से सोमनाथ मंदिर की यात्रा कर सकते है।
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इस लेख मे मेने आपको सोमनाथ मंदिर ( somnath mandir ) के बारे मे और इसक इतिहास और पौराणिक इतिहास के बारे मे बताया है। अगर आपको मेरे द्वारा दो ये जानकारी कैसी लगी मुझे कमेंट करके जरूर बताये।
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