भानगढ़ का किला क्यों कहलाया जाता है भूतों का किला। HISTORY OF BHANGARH FORT



भानगढ़ का किला। BHANGARH FORT 






Tourist Places Near me - नमस्कार दोस्तों आज में आप लोगो के बीच एक ऐसे किले की जानकारी लेकर आया हूँ जिसे लोग भूतो का किला कहते हैं। यहाँ तक की यहाँ के स्थानीय लोगो से मेने सुना है की ये किला श्रापित भी है और सबसे अहम बात इस किले में सूर्यास्त के बाद जाना मना है ये बात इस किले की दीवारों पर लगे सुचना बोर्ड पर भी लिखी मिल जाएगी। मेरे इस आर्टिकल में आपको इस किले से जुडी सभी अहम बाते पता चल जाएगी।


जो लोग यहाँ जा चुके हैं उन्हें तो यह पता चल ही चुका होगा की ये किला इतना प्रशिद्ध क्यों है। मेरा ये आर्टिकल उन सभी लोगो के बहुत काम आएगा जो ऐसी जगहों पर जाना पसंद करते हैं। और जो पहली बार यहाँ जायेंगे , कहाँ है ये भूतिया किला और कैसे पहुँच सकते है आप यहाँ ये सभी बाते में आपको बतायूंगा। 




history of bhangarh fort
BHANGARH FORT 


भारत में राजस्थान के अलवर जिले में है ये भानगढ़ का किला इस किले का निर्माण १७ वीं शताब्दी में हुआ था। इस किले का निर्माण जयपुर के शासक मानसिंह प्रथम ने अपने छोटे भाई माधोसिंह प्रथम के लिए करवाया था। इस किले का नाम माधोसिंह के पिता भानसिह के नाम पर रखा गया था। 


किले की बनावट की अगर में बात करूँ तो इस किले के चारों तरफ एक बहुत ही ऊंची दीवार बानी हुई है जो आक्रमण करियों से बचने के लिए बनायी गयी है। किले को बनाने के लिए बहुत ही बड़े बड़े सैंड स्टोन का उपयोग किया गया है। किले में अंदर जाने के लिए मुख्य द्वार के अलावा चार और द्वार है जिनके नाम अजमेरी गेट , दिल्ली गेट , लाहोरी गेट और फुलबाड़ी गेट है। 


किले के अंदर आपको एक १४ फीट ऊँचे चबूतरे पर गोपीनाथ का मंदिर भी देखने को मिल जायेगा जिसे पीले पत्थरो से खूबसूरत नक्काशी करके बनाया गया है। किले के अंदर आपको कुछ महल और हवेलियाँ देखने को मिल जाएगी जिनमे नर्तकी का महल , जौहरी बाजार और रॉयल पैलेस जो प्रमुख है। 


किले के अंदर महल , हवेलियों के अलावा आपको यहाँ हिन्दू देवी देवताओं के प्राचीन मंदिर भी देखने को मिल जाएंगे जिनमे -सोमेश्वर मंदिर ,और हनुमान जी का मंदिर और  गोपीनाथ मंदिर , गणेश मंदिर और नवीन मंदिर जैसे प्राचीन मंदिर देखने को मिलेंगे। ज्यादातर किला अब खंडर बन चूका है इसके रख रखाव और सुरक्षा की जिम्मेदारी भारतीय पुरातत्व विभाग के पास है। 







भानगढ़ किले की भूतिया कहानियाँ। BHANGARH FORT GHOST STORIES IN HINDI 


इस किले को इसलिए कहाँ जाता है श्रापित क्यूंकि इस किले के निर्माण के लिए राजा माधो सिंह को इसी स्थान पर तपस्या कर रहे एक तपस्वी से अनुमति लेनी थी जिनका नाम बालनाथ था। तपस्वी जी ने राजा माधो सिंह को एक शर्त के साथ इस किले के निर्माण की अनुमति दी थी की इस किले की परछाई मेरे निवास स्थान पर नहीं पड़नी चाहिए। 


लेकिन किले का निर्माण कर रहे अधिकारीयों ने किले को कुछ ज्यादा ही ऊँचा बना दिया जिसकी वजह से किले की परछाई तपस्वी बालनाथ जी के निवास स्थान पर जा पड़ी। तपस्वी जी ने किले की परछाई को अपने निवास स्थान पर जब पड़ते देखा तो वो बहुत क्रोधित हुए और उन्होंने किले को श्राप दे दिया। तपस्वी जी के इसी श्राप की वजह भानगढ़ किला धीरे धीरे खण्डर में तब्दील हो गया। 



*  भानगढ़ किले को इस लिए कहा जाता है भूतिया। इस किले की भूतिया होने की कहानी किसी फिल्म की स्टोरी से कम नहीं है। यहाँ के स्थानीय लोगों की माने तो उनका कहना है की इस किले में एक बहुत ही खूबसूरत रत्नावती नाम की राजकुमारी रहा करती थी। 

एक बार किसी तांत्रिक की नजर उस राजकुमारी पर पड़ी तो उस तांत्रिक ने उस राजकुमारी को अपने वश में करने का विचार बनाया  या फिर ऐसा कहूं की उस तांत्रिक को राजकुमारी रत्नावती से प्रेम हो गया था और वो राजकुमारी को अपने वश में करना चाहता था। 





राजकुमारी को अपने वश में करने के लिए उस तांत्रिक ने अपनी तंत्र विद्याओं की मदद से राजकुमारी को अपने वश में करना चाहा लेकिन इस बात का पता राजकुमारी रत्नावती को पता चल गया। और राजकुमारी ने उस तांत्रिक को अपने सैनिकों द्वारा गिरफ्तार करवा दिया और उसे मृत्यु दंड दे दिया। तांत्रिक ने अपनी मृत्यु से पहले इस किले को श्राप दे दिया की इस किले में कभी कोई नहीं रह पायेगा। और ऐसा कहा जाता है की उसी तांत्रिक की आत्मा आज भी इस किले में भटकती रहती है। 



भानगढ़ किला पहुँचे कैसे। HOW TO REACH BHANGARH FORT 



HISTORY OF BHANGARH FORT IN HINDI
BHANGARH FORT 


* ट्रेन से : 

भानगढ़ किले के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन दौसा रेलवे स्टेशन है जो की लगभग 22 किलोमीटर है। और दूसरा स्टेशन जयपुर रेलवे स्टेशन है जो भानगढ़ स लगभग 85 किलोमीटर की दुरी पर है ये दोनों रेलवे स्टेशन देश के कई बड़े राज्यों से जुड़े हुए हैं यहाँ पहुँचकर आपको भानगढ़ के लिए टैक्सी की सुविधा मिल जाएगी जिसकी  मदद से आप भानगढ़ आसानी से पहुँच जायँगे। 


* हवाई जहाज से :  


भानगढ़ किले के सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जयपुर का है। जो लगभग भानगढ़ किले से 90 किलोमीटर की दुरी पर है यहाँ से आपको भानगढ़ के लिए बस , टैक्सी आसानी से मिल जाएगी। जिसकी मदद से आप भानगढ़ किले तक आप आसानी से पहुँच सकते हैं। 


* सड़क से :  


भानगढ़ किला देश के कई बड़े राजमार्गो से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है जिनकी मदद से आप अपनी गाडी से भी भानगढ़ तक आसानी से पहुँच सकते हैं और किसी भी टूर एंड ट्रेवल के जरिये भी आप आसानी से यहाँ पहुँच सकते हैं। 



मेने आपको अपने आर्टिकल के माध्यम से भानगढ़ किले का इतिहास और उससे जुडी सभी भूतिया कहानियों को बताया है और आप यहाँ कैसे पहुँच सकते हैं अगर मेरे द्वारा दी गयी जानकारी अच्छी लगी हो तो मुझे COMMENT करके जरूर बतायें धन्यवाद आपका TOURIST DOST






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